उन घटनाओं को याद करके लिखिए जब आपने अन्याय का प्रतिकार किया हो।

मैंनें अन्याय का प्रतिकार किया है। ऐसा अवसर मेरी जिन्दगी में अपने विद्यार्थी जीवन में अपनी 10वीं कक्षा की पढ़ाई करने के दौरान आया। मुझे अपने विद्यालय के ठीक ठाक छात्र होने पर उस वर्ष की आगामी सरस्वती पूजन हेतु राशि एकत्र करने का मुख्य जिम्मा सौंपा गया था। मैंने खुशी-खुशी विभिन्न कक्षाओं में जा जाकर राशि एकत्र करनी शूरू की। जब राशि पूर्ण होने को आई तब अचानक हमारे क्लास टीचर ने मुझसे कैम्पस के अन्दर ही उचित स्थान पर सारे पैसे ले लिये और उन्होंने मुझे अब आगे चन्दा एकत्र करने के प्रभार से मुक्त कर दिया। उनका मेरे एक बच्चा होने के कारण मुझपर विश्वास नहीं था कि यह बच्चा इस दायित्व को निभा पायेगाया नहीं। मैं अन्दर ही अन्दर इस बात पर नहीं कि चंदा एकत्रित करने से मुझे रोक दिया गया है बल्कि मुझे बच्चा समझने पर रोक दिया गया इस कारण रो पड़ा और व्यथित हो गया| प्रतिकार के रुप में मैंने अन्य शिक्षकों और अन्य लोगों से इसके बारे में शिकायत दर्ज कराई।


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